जीवन के रूप

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।  *जीवन के रूप*     *ज़िंदगी के रूप* आज अपने जनम-दिन मना लीजिए, कल न जाने कहाँ शाम हो जाएगी? ज़िंदगी एक पल है उजाले भरी- फिर अँधेरों भरी रात ...

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